खनिज और ऊर्जा संसाधन
परिचय
- खनिजो का देश के औद्योगिक उत्पादन
मेँ लगभग
11 प्रतिशत योगदान
है।
- उत्तरी पूर्वी
प्रायद्वीप क्षेत्र
जो मुख्यतः
उड़ीसा के पठार, छोटानागपुर के पठार
एवं छत्तीसगढ के उत्तरी
भाग से बना है। इस भाग को मिनरल
हार्ट ऑफ इंडिया कहते
हैं। यहाँ
100% काइनाइट, 85% कोयला,
95% लौह अयस्क
पाया जाता
है।
- मध्य प्रदेश,
आन्ध्र प्रदेश,
छत्तीसगढ़ एवं पूर्वी महाराष्ट्र के क्षेत्र
में मुख्यतः
मैंगनीज, बॉक्साइट, कोयला व् लौह अयस्क
पाया जाता
है।
- अरावली का मुख्य क्षेत्र
और गुजरात
तांबा, जस्ता
और सीसा
के लिए प्रसिद्द है।
- देश में कुटीर ज्योति
यजना के अंतर्गत ग्रामीण
विद्युतीकरण निगम
के जरिए
केन्द्रीय अनुदान
से वित्तीय
सहायता दी जाती है।
- संभावित जल-विद्युत् परियोजना का सबसे
महत्वपूर्ण क्षेत्र
हिमालय पर्वत
के सहारे
पश्चिमी कश्मीर
से लेकर
पूर्व में असम के पहाड़ी क्षेत्रों तक फैला
है।
- एशिया में भारत पहला
ऐसा देश है जहाँ
सौर तलब का निर्माण
किया गया।
भुज (गुजरात)
में सौर तालाब परियोजना है।
- एशिया का सबसे बड़ा पवन-फार्म
समूह तमिलनाडु नृत्यनडल में है एवं सबसे बड़ा पवन उर्जा
का केंद्र
गुजरात के कच्छ जिले
में मांडवी
में है।
- देश में हिमांचल प्रदेश
के कुल्लू
जिले में मणिकरण नामक
स्थान पर भू-तापीय
विद्युत् संयंत्र
की स्थापना
की गयी है।
- भारत में बायोमास से उर्जा प्राप्त
करने के संयंत्र पंजाब
के झालखारी
में, दिल्ली
के तिमारपुर में, मुंबई
में तथा पोर्ट ब्लेयर
में स्थापित
किए गए हैं।
- देश में समुद्री ताप से उर्जा
उत्पादन का सबसे अधिक
उपयुक्त क्षेत्र
लक्षद्वीप तथा अंडमान निकोबार
द्वीप समूह
है।
- भारत में ज्वारीय उर्जा
संयंत्र की स्थापना कांडला
(गुजरात) में की जा रही है।
- राजस्थान में यूरेनियम की प्राप्ति भीलवाड़ा,
बूंदी और उदयपुर जिलों
में होती
है।
- समुद्र की तलहटी में भरी मात्रा
में मौजूद
ईंधन को क्लैथरेट कहा गया है। इस इंधन
का उपयोग
पेट्रोल एवं बिजली के रूप में किया जा सकता है।
- राष्ट्रिय उन्नत
चूल्हा कार्यक्रम 1986-87 में किया
गया था।