कोशिका : संरचना एवं कार्य
परिचय
कोशिका जीवों
की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है, जिसकी खोज रॉबर्ट हुक ने 1665 ई. में की थी । एक ही कोशिका वाले
जीवों, जैसे-
जीवाणु, प्रोटोज़ोआ और यीस्ट्स,
आदि को एककोशिकीय प्राणी
(Unicellular Organisms) और एक से अधिक कोशिका
वाले जटिल
जीवों को बहुकोशिकीय जीव
(Multicellular Organisms) कहा जाता है ।
पृथ्वी पर पाए जाने
वाले सभी जीवों को दो वर्गों
में बाँटा
जा सकता
है:
1. अकोशिकीय जैव अर्थात् ऐसे जीव जिनमें
कोई कोशिका
नहीं पाई जाती है, जैसे- विषाणु
(Virus)।
2. कोशिकीय जीव अर्थात् ऐसे जीव जिनमें
एक या एक से अधिक कोशिकाएं पाई जाती
हैं । कोशिकीय प्राणियों को पुनः
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक नामक
दो भागों
में बाँटा
जाता है।
A. प्रोकैरियोटिक जीव
B. यूकैरियोटिक जीव
प्रोकैरियोटिक जीवों की विशेषताएं
1. इन जीवों
में अविकसित
और आदिम
(Primitive) कोशिकाएं पाई जाती हैं
2. इनका आकार
छोटा होता
है
3. केन्द्रक नहीं
पाया जाता
है
4. केन्द्रक द्रव्य
भी नहीं
पाया जाता
है
5. केवल एक क्रोमोसोम पाया
जाता है
6. कोशिकांग भी कोशिका भित्ति
से घिरे
हुए नहीं
पाए जाते
हैं
7. कोशिका विभाजन
असूत्री विभाजन
(Amitosis) द्वारा होता
है
8. जीवाणु (Bacteria) व नील-हरित
शैवाल जैसे
साइनोबैक्टीरिया प्रोकैरियोटिक जीवों
के उदाहरण
हैं।
यूकैरियोटिक जीवों की विशेषताएं
1. इनमें विकसित
और नवीन
कोशिकाएं पाई जाती हैं
2. इनका आकार
बड़ा होता
है
3. केन्द्रक पाया
जाता है
4. केन्द्रक द्रव्य
भी पाया
जाता है
5. एक से अधिक क्रोमोसोम पाए जाते
हैं
6. कोशिकांग भी कोशिका भित्ति
से घिरे
हुए पाए जाते हैं
7. कोशिका विभाजन
समसूत्री विभाजन
(Mitosis) और अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) द्वारा
होता है
कोशिका की संरचना
सभी कोशिकाओं में तीन निम्नलिखित कार्यात्मक क्षेत्र (Functional Region) पाए जाते
हैं :
1. कोशिका या प्लाज्मा झिल्ली(Cell
or Plasma Membrane) और कोशिका भित्ति
(Cell Wall)
2. केन्द्रक/न्यूक्लियस (Nucleus)
3. केन्द्रक द्रव्य/साइटोप्लाज्म (Cytoplasm)
कोशिका की बाहरी सतह प्लाज्मा झिल्ली
होती है, जिसके अन्दर
केन्द्रक द्रव्य/साइटोप्लाज्म पाया
जाता है। माइटोकांड्रिया (Mitochondria), क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts) आदि विभिन्न कोशिकांग साइटोप्लाज्म में ही तैरते
हुए पाए जाते हैं।
अंग (Organs) - कोशिकांग (Cell Organelles)
1. ये बहुकोशिकीय जीवों में पाए जाते
हैं| - 1. ये सभी यूकैरियोटिक जीवों में पाए जाते
हैं|
2. इनका आकार
बड़ा होता
है। - 2. इनका
आकार छोटा
होता है।
3. ये किसी
भी जीव के शरीर
के ऊपर या नीचे
पाए जा सकते हैं।
- 3. ये प्रायः
आतंरिक (Internal) होते
हैं।
4. अंगों का निर्माण ऊतकों
(Tissues) से होता
है और ऊतकों का निर्माण कोशिकाओं से होता
है। कोशिका
के अन्दर
ही कोशिकांग पाए जाते
हैं। - 4. इनका
निर्माण सूक्ष्म
और वृहद्
अणुओं (Molecules) से होता है।
5. अंग आपस में मिलकर
अंग-प्रणाली
का निर्माण
करते हैं और अंग प्रणाली किसी
जीव के शरीर का निर्माण करती
है। - 5. कोशिकांग आपस में मिलकर कोशिका
का निर्माण
करते हैं।
प्लाज्मा झिल्ली के कार्य
प्लाज्मा झिल्ली
कुछ पदार्थों के कोशिका
के अन्दर
और बाहर
जाने पर नियंत्रण रखती
है। अतः प्लाज्मा झिल्ली
को चयनात्मक पारगम्य झिल्ली
(Selective Permeable Membrane) भी कहते हैं।
(i) प्रसरण (Diffusion) : अधिक सघन (Condense) पदार्थ
से कम सघन पदार्थ
की ओर प्रवाह प्रसरण
कहलाता है| यह प्रवाह
तब तक होता रहता
है जब तक दोनों
पदार्थों की सघनता समान
न हो जाये| प्रसरण
की दर गैसीय पदार्थों में द्रव
व तरल पदार्थों की तुलना में अधिक होती
है।
(j) परासरण (Osmosis) : आंशिक रूप से पारगम्य (Permeable) झिल्ली के सहारे उच्च
जलीय सांद्रता (Concentration) वाले
भाग से निम्न जलीय
सांद्रता वाले
भाग की ओर जल का प्रवाह
परासरण कहलाता
है।
(k) एंडोसाइटोसिस (Endocytosis) : प्लाज्मा झिल्ली
के सहारे
कोशिका द्वारा
पदार्थों का अंतर्ग्रहण (Ingestion) एंडोसाइटोसिस कहलाता
है।
(l) एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis) : इस प्रक्रिया में पुटिका (Vesicle) झिल्ली
प्लाज्मा झिल्ली
से टकराकर
अपने पदार्थों को आस-पास के माध्यम में निकाल देती
है। इसे ‘कोशिका वमन
(Cell Vomiting)’ कहते हैं।