कृषि एवं क्रांतियां
1. हरित क्रांति,
गेंहू उत्पादन
- डॉ. विलियमगामड ने इसे हरित क्रांति
की संज्ञा
दी। इसे डॉ. नोरमान
बोरलाग ने अमेरिका में तथा एम. एस. स्वामीनाथन को भारत
में इनके
विशेष योगदान
के लिए जाना जाता
है।
2. श्वेत क्रांति,
दूध उत्पादन
- 1970 में आपरेशन
फ्लड 3 चरणों
में चलाया
गया, जिसके
सूत्रधार डॉ. वर्गीस कुरियन
थे।
3. पीली क्रांति,
खाद्य तेल तथा तिलहन
उत्पादन - तिलहन
प्रौद्योगिकी मिशन1986
में प्रारंभ
किया गया।
9 तिलहनों में सर्वाधिक उत्पादन
सोयाबीन, मूंगफली
एवं तीसरा
स्थान तोरिया
एवं सरसों
का है। विश्व में सर्वाधिक तिलहनों
का उत्पादन
अम्ररीका में होता है।
4. गोल क्रांति,
आलू उत्पादन
- भारत, रूस एवं चीन के बादविश्व का तीसरा
सबसे बड़ा आलू उत्पादक
राष्ट्र है। भारत में आलू 16वीं शताब्दी में पुर्तगाल से लाया गया था।
5. नीली क्रांति,
मछली उत्पादन
- भारत विश्व
का सबसे
बड़ा मछली
उत्पादक राष्ट्र
है। देश में समग्र
मछली उत्पादन
में पश्चिम
बंगाल है।
6. गुलाबी क्रांति,
झींगा मछली
उत्पादन - भारत
सबसे बड़ा झींगा मछली
निर्यातक राष्ट्र
है।
7. कृष्ण क्रांति,
पेट्रोलियम / खनिज
तेल - पेट्रोल
में एथेनॉल
का मिश्रण
बढ़ाकर 10% तक करना व जैव ईंधन
का उत्पादन।
8. धूसर क्रांति,
उर्वरक उत्पादन
- उर्वरकों की खपत में पंजाब प्रथम
194ं5 किग्रां
है तथा तमिलनाडु दुसरे
स्थान पर है।
9. रजत क्रांति,
अंडा तथा मांस उत्पादन
- भारत विश्व
में अंडा
उत्पादन में
6वां स्थान
रखता है। आन्ध्र प्रदेश,
तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र सवसे
बड़े अंडा
उत्पादक राज्य
हैं।
10. सुनहरी क्रांति,
बागवानी उत्पादन
(सेब उत्पादन)
- भारत सब्जी
तथा फल उत्पादन में विश्व में दूसरा स्थान
रखता है। इंद्रधनुषी क्रांति
– सभी क्रांतियों को मिलाकर 2000 में में नई राष्ट्रीय क्रांति
के तहत शुरू की गई।