- जहाँगीर की मृत्यु के बाद 1628 में शाहजहाँ मुगल
साम्राज्य के सिंहासन पर बैठा।
- शाहजहाँ को सर्वप्रथम जिन विद्रोहों का सामना करना
पड़ा वे क्रमश: थे- बुंदेल खण्ड
का विद्रोह
जुझार सिंह
बुंदेला के नेनृत्व में एवं दक्कन
का विद्रोज
खान-ए- जहाँ लोदी
के नेतृत्व।
- 1612 में इसका
विवाह अर्जुनमंद बानों के साथ हुआ जिसे इतिहास
में मुमताज
महल के नाम से जाना जाता
है।
- 1632 में इसने
पुर्तगालियों को हराया एवं
1636 में अहमदनगर
पर अधिकार
कर लिया।
- शाहजहाँ ने
1638 में कधार
को इरानी
शासकों से छीन लिया
था वह
1638 में पुन:
खो दिया
था।
- शाहजहाँ ने आगरा में मोती मस्जिद
एवं ताजमहल
एवं दिल्ली
में लाल किला व जामा मस्जिद
का निर्माण
करवाया।
- 1657 में शाहजहाँ
के बीमार
होने के बाद मुगल
सिंहासन के लिए आपसी
संघर्ष प्रारंभ
हो गया।
- इस समय शाहजहाँ का वरिष्ठ पुत्र
आगरा में उसके साथ था, शूजा
बंगाल प्रान्त
का गवर्नर,
औरंगज़ेब दक्कन
का गवर्नर
एवं उसका
सबसे छोटा
पुत्र मुराद
गुजरात का गवर्नर था।
- सिंहासन के इस संघर्ष
में शाहजहाँ
की दो पुत्रियों यथा जहाँआरा एवं रोशनआरा ने क्रमश: दारा
एवं औरंगज़ेब का साथ दिया।
- औरंगज़ेब ने दारा को आगरा के निकट सामूगढ़
के युद्ध
में परास्त
किया।
युद्ध - परिणाम
धरमत का युद्ध - औरंगज़ेब ने दारा
की सेना
को परास्त
किया।
सामूगढ़ का युद्ध - औरंगज़ेब ने दारा
शिकोह को परास्त किया।
रूपनगर का युद्ध - औरंगज़ेब ने मुराद
को परास्त
किया।
खाजवा का युद्ध - औरंगज़ेब ने शुजा
को हराया
देवराय का युद्ध - अतत:
औरंगज़ेब ने दारा शिकोह
को परास्त
किया
- 1661 तक औरंगज़ेब ने अपने
सभी भाईयों
का वध कर दिया
था।
- 1666 तक शाहजहाँ
ने अपने
जीवन के अंतिम वर्ष
औरंगज़ेब की कैद में बिताये।
- फ्रांसीसी यात्री
बर्नियर एवं टेवरनियर तथा ईतालवी यात्री
मनुक्की शाहजहाँ
के शासनकाल
में ही भारत भ्रमण
पर आये थे।