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Medieval History मध्‍यकालीन भारत , मुगलकाल , शाहजहॉ (1627 -1658)




- जहाँगीर की मृत्यु के बाद 1628 में शाहजहाँ मुगल साम्राज्य के सिंहासन पर बैठा।

- शाहजहाँ को सर्वप्रथम जिन विद्रोहों का सामना करना पड़ा वे क्रमश: थे- बुंदेल खण्ड का विद्रोह जुझार सिंह बुंदेला के नेनृत्व में एवं दक्कन का विद्रोज खान-- जहाँ लोदी के नेतृत्व।

- 1612 में इसका विवाह अर्जुनमंद बानों के साथ हुआ जिसे इतिहास में मुमताज महल के नाम से जाना जाता है।

- 1632 में इसने पुर्तगालियों को हराया एवं 1636 में अहमदनगर पर अधिकार कर लिया।

- शाहजहाँ ने 1638 में कधार को इरानी शासकों से छीन लिया था वह 1638 में पुन: खो दिया था।

- शाहजहाँ ने आगरा में मोती मस्जिद एवं ताजमहल एवं दिल्ली में लाल किला जामा मस्जिद का निर्माण करवाया।

- 1657 में शाहजहाँ के बीमार होने के बाद मुगल सिंहासन के लिए आपसी संघर्ष प्रारंभ हो गया।

- इस समय शाहजहाँ का वरिष्ठ पुत्र आगरा में उसके साथ था, शूजा बंगाल प्रान्त का गवर्नर, औरंगज़ेब दक्कन का गवर्नर एवं उसका सबसे छोटा पुत्र मुराद गुजरात का गवर्नर था।

- सिंहासन के इस संघर्ष में शाहजहाँ की दो पुत्रियों यथा जहाँआरा एवं रोशनआरा ने क्रमश: दारा एवं औरंगज़ेब का साथ दिया।

- औरंगज़ेब ने दारा को आगरा के निकट सामूगढ़ के युद्ध में परास्त किया।

युद्ध - परिणाम

धरमत का युद्ध - औरंगज़ेब ने दारा की सेना को परास्त किया।

सामूगढ़ का युद्ध - औरंगज़ेब ने दारा शिकोह को परास्त किया।

रूपनगर का युद्ध - औरंगज़ेब ने मुराद को परास्त किया।

खाजवा का युद्ध - औरंगज़ेब ने शुजा को हराया

देवराय का युद्ध - अतत: औरंगज़ेब ने दारा शिकोह को परास्त किया

- 1661 तक औरंगज़ेब ने अपने सभी भाईयों का वध कर दिया था।

- 1666 तक शाहजहाँ ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष औरंगज़ेब की कैद में बिताये।

- फ्रांसीसी यात्री बर्नियर एवं टेवरनियर तथा ईतालवी यात्री मनुक्की शाहजहाँ के शासनकाल में ही भारत भ्रमण पर आये थे।


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